ITI,Diploma,B-Tech,Isometric to Orthographic Coloured,In 6 Steps,Easy to Understand,1st Angle Proje.
त्रुटिरहित ड्रॉईंग बनाने के प्रमुख बिन्दु
1.ड्रॉईंग का कार्य प्रारम्भ करने से पूर्व सभी उपकरणों साफ कर लेना चाहिए।
2.पेन्सिल छीलते समय पेन्सिल की छीलन टेबल, शीट पर कभी भी नहीं गिरनी चाहिए।
3. ड्रॉईंग शीट पर सरकने वाले उपकरणों को अच्छी तरह डस्टर से साफ कर ले, जिससे सरकाते समय ड्रॉईंगशीट को गन्दा न करें।
4.गर्मियों में कार्य करते समय पसीने से शीट को बचाने के लिए हाथ के नीचे रूमाल
लगाना चाहिए।
5.पेन्सिल को शॉर्पनर से छीलने व Sand Paper पर पैना करते समय पेन्सिल के कणों को ड्रॉईंग शीट से दूर गिराना चाहिए।
6.ड्रॉईंग पर सर्वप्रथम, हल्की लाइनों की सहायता से चित्र बनाना चाहिए, अन्त में पूर्ण होने पर आवश्यक लाइनों को ही गहरा करना चाहिए।
7. जहां तक सम्भव हो नर्म पेन्सिल (HB, B से 7B तक) का प्रयोग ड्रॉईंग पर कम से कम करना चाहिए।
8. ड्रॉईंग पर कार्य करते समय दोनों हाथ बिल्कुल साफ होने ही चाहिए।
9. ड्रॉईंग के पूर्ण होने पर शीट कवर में रखना चाहिए, अन्यथा शीट गन्दी हो जाती है।
10. रबड़ को अधिक उपयोग में लेने पर वह काला हो जाता हैं इसलिए पहले रबड़ को पानी या साबुन से साफ करना चाहिए फिर काम में लेना चाहिए।
11.कार्य को शीघ्र करने के स्थान पर शुद्धता से कार्य करना चाहिए।
12.ड्रॉईंग मे सभी Dimensions के साथ mm नहीं लिखा जाता हैं इस के स्थान पर Titel Block के ऊपर All Dimensions are in mm लिखना चाहिए।
13.Set Square के स्थान पर Roller Draw से काम करने से कम समय मे , Accurate व अच्छी ड्रॉईंग बनती है।
14.ड्रॉईंग शीट पर पहली लाईन(Vertical या Horizontal) खीचने के लिऐ हमेशा Drawing Sheet के किनारों को Base मान कर ,Set Square या Roller Draw से पहली हल्की समानांतर रेखा खिचनी चाहिए।
15.अच्छे वृत व अद वृत बनाने के लिये Spring Type के प्रकार काम मे लेना चाहिए।जिसमे पेंसिल के स्थान पर पेंसिल का सिक्का लगाना चाहिए इससे वृत बनाना आसान व सरल होता हैं।
16.पेंसिल की नोक को शंकुआकार छिलना चाहिए व काम मे लेते समय घुमाते रहना चाहिए। जिससे पेंसिल एक तरफ से चपटी नही होती हैं व लाईन मोटी नहीं बनती हैं।
17.ड्राईंग में लाइन की मोटाई का विशेष महत्व होता है इसलिए
जहां पतली लाइन (डायमेंशन लाइन, मध्य लाइन, गाइड लाइन,
इत्यादि) की आवश्यकता होती है वहां पतली और कम गहरी
लाइन ही बनानी चाहिए तथा जहां मोटी और थोड़ी गहरी लाइन
की आवश्यकता होती है वहां मोटी और थोड़ी गहरी लाइन ही
खींचनी चाहिए।
नोट-लाइन खींचने के लिए पेन्सिल पर हाथ का जितना दबाव डाला जाता है।
लाइन उतनी ही मोटी या पतली, गहरी या हल्की बनती है। वैसे तो लाइन को गहराई
के अनुसार प्रदर्शित करना बहुत कठिन कार्य है परन्तु फिर भी लाइन को मोटाई व
गहराई के अनुसार चार प्रकार में प्रदर्शित किया जा सकता है।
1. बहुत मोटी व बहुत गहरी
2. मोटी व गहरी
3. पतली व हल्की
4. बहुत पतली व बहुत हल्की -
बहुत गहरी व मोटी (काली रेखा) रेखा का उपयोग ड्रॉईंग बनाते समय नहीं करना
चाहिए क्योंकि यह गहरी काली रेखा आपकी ड्रॉईंग को भविष्य में काली कर गन्दा कर
सकती है। इसलिए सिर्फ मोटी व गहरी, पतली व हल्की तथा बहुत पतली व बहुत हल्की
रेखा का ही प्रयोग इंजीनियरिंग ड्रॉईंग में करना चाहिए।
ऐरो हैड (ARROW HEAD)
डायमेंशन लाइन के सिरों पर ऐरो हैड का उपयोग किया जाता है,
जिससे डायमेंशन लाइन की लम्बाई स्पष्ट रहे। ऐरो हैड का प्वॉइन्ट,
एक्सटेंशन लाइन को स्पर्श करना चाहिए। सामान्यतः ऐरो हैड की लम्बाई
उसकी चौड़ाई का तीन गुणा होती है।
चौड़ाई : लम्बाई
1 : 3
नोट-तीर बनाते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि तीर एक्सटेंशन लाइन
से जरूर टच होना चाहिए परन्तु उससे आगे नहीं निकलना चाहिए।
और न ही एक्सटेंशन लाइन से पहले ही रह जाए।
ITI मे Drawing की पढाई करने के लिये आप को निम्न सामान ही बाजार से लाने की आवश्यकता होती हैं।
1. H,2H की पेंसिल (Drawing Pencil)।
2. डस्ट पुफ रबड ( Rubber)
3. Quater Sheet जो एक तरफ से खुरदरी होनी चाहिए।
5.Quater Sheet कवर
6. Roller Draw Scale या Set Square
7.प्रकार(Compass) - एक बडा ,एक छोटा (Spring वाले)
8.पेंसिल के सिक्का (Lead)
9.चांदा(Protractor)
10.स्केल(Scale)
11.वृत मास्टर(Circle Master)केवल Electrician Electronic Trade Group के लिए।
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